सभी व्यर्थ, वाल्टर केम्पोव्स्की द्वारा

सब व्यर्थ

नाज़ी जर्मनी की हार एक उचित सज़ा की तरह लग रही थी। और इसी के आधार पर एक क्रूर दुनिया के काले पन्ने लिखे जाते रहे। एक ऐसी दुनिया जो मुक्ति की भावना, उसके संगीत और उसकी परेडों के समानांतर आगे बढ़ी। शायद इसीलिए यह उपन्यास इतना मौलिक लगता है, क्योंकि लगभग...

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