अकी शिमाज़ाकिओ द्वारा पूर्णिमा
प्रेम के बारे में लिखना अकी शिमाज़ाकी में एक अनूठा विचार है, अस्तित्ववादी चमक जो दिल टूटने की शून्यता से लेकर पारस्परिक मोह के विरोधाभासी अटूट वसंत तक है। पानी जो समानांतर बहता है और जो आखिरी पेय के बहते ही कहीं से भी उसी अनुभूति को जगाता है। के बीच में …